मानवीय उत्क्रांति (human evolution)

      उत्क्रांति के कारण अत्यंत सरल एक कोशिकीय सजिवों से लेकर आज तक ज्ञात सभी जैव विविधताओं का सृजन हुआ दिखाई

देता है|इसमें मानववंश की शुरुवात संझिप्त निम्न आकृति के द्वारा बदया गया है|करीब करीब सात करोड़ वर्ष - पूर्व जब अंतिम डायनासोर का विनाश हुआ तब बंदर के जैसे देखने वाले प्राणी उनसे भी अधिक प्राचीन ऐसे थोड़े बहुत आधुनिक लेम्यूर के जैसे दिखनेवाले प्राणियों से विकसित हुए होंगे|चार करोड़ वर्ष पूर्व आफ़्रिका के इस बंदर जैसे प्राणियों की पूंछे नष्ट हुई, उनके मस्तिष्क का आकार बड़ा होकर उनका विकास हुआ, हाथों के पंजों में सुधार हुआ तथा वे एप जैसे प्राणी बने| कालांतर में ये शुरुवात के एप जैसे प्राणी दझिन (south) तथा आग्नेय एशिया में पहुंचे तथा अंत में गिबन तथा ओरंग उटान में उनका रूपांतरण हुआ|शेष एप जैसे प्राणी आफ़्रीका में स्थाइ हुए तथा लगभग 2.50 करोड़ वर्ष पूर्व उनसे चिंपाझी तथा गोरिला का उदय हुआ| लगभग 2 करोड़ वर्ष पूर्व एप की कुछ जातियों का विकाश भिन्न रूप में होता हुआ दिखाई दिया|अन्न ग्रहण करके के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए उनके हाथों का आधिक उपयोग होने लगा|

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